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कैशलेस दुनिया: बिना नगदी वाली दुनिया | आशीष श्रीवास्‍तव | Cashless world: A world without cash

कैशलेस दुनिया(डिजिटल): बिना नगदी वाली दुनिया

आपको किसी दुकान गये हैं या ऑन-लाइन खरीददारी कर रहे हैं भुगतान की बारी आयी तो पता चला कि आप बटुआ तो घर पर भूल आए है। अब क्या करें? तकनीक ने जिंदगी आसान बना दी है, बटुआ नहीं है तो क्या हुआ, जीवन-संगिनी के जैसे साथ रहने वाला मोबाइल फोन तो पास है। डिजिटल बटुए से भुगतान कीजिए और शर्मिंदगी से बचिए।

जब सदी बदल रही थी और हम २० वीं सदी से २१ वीं सदी में जा रहे थे तब बैंक आधुनिक हो रहे थे। नई सुविधाओं का पदार्पण हो रहा था। पैसे निकालने के लिए बैंक २४ घंटे कार्य करने वाली मशीन लगा रहे थे। इन मशीनों को एटीएम अर्थात ऑटोमेटेड टेलर मशीन कहते है। अब आपको एक एटीएम कार्ड और उसका पिन दिया गया था।

इन कार्ड के भी कुछ प्रकार होते है, जिसमें प्रमुख है सबसे सादा एटीएम कार्ड जिससे आप बैंक के एटीएम मशीन से नगद निकाल सकते है, दूसरा डेबिट कार्ड जिससे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दुकानों से खरीददारी भी कर सकते है। ये भुगतान आपके बैंक अकाउंट से होता है। एक तीसरा कार्ड है जिसे के्रडिट कार्ड कहते है, जिसमें बैंक आपको कुछ समय के लिए उधार दे रहा है। समय पर उधार चुकता कर दिया तो आपको ब्याज नहीं देना होगा। लेकिन समय पर भुगतान नहीं किया तो भारी ब्याज देना होता है। ध्यान रखें कि इस कार्ड से आपने नगद पैसे निकले तो आपको ब्याज देना ही होता है।

इसके बाद जन्म हुआ डिजिटल वॉलेट का। इसके भी दो प्रकार है, एक तो आपका साधारण बटुआ। डिजिटल बटुए में अपने बैंक अकाउंट से पैसे डालिए और बटुए से भुगतान कीजिए। इन डिजिटल बटुओं या वॉलेट के साथ समस्या थी कि इनमें अपने अकाउंट से पैसे डालने होते थे। अब नए डिजिटल बटुओं का आगमन हुआ जो डेबिट कार्ड की तरह आपके बैंक अकाउंट से जुड़े होते थे। भुगतान डिजिटल बटुए से होगा लेकिन पैसे अकाउंट से कटेंगे। जैसे साधारण बटुओं के लिए जेबकतरे थे। इन डेबिट कार्ड, डिजिटल बटुओं या वॉलेट से पैसे उडाऩे के लिए भी डिजिटल जेबकतरे आ गए। इन डिजिटल जेबकतरों से कैसे बचें?

ए‧टी‧एम‧ के प्रयोग में सावधानी

सभी बैंक आपके डिजिटल लेनदेन के लिए एक सीमा तय करने की सुविधा देते है। एक दिन में आप एटीएम से कितने पैसे निकाल सकते हैं।  डिजिटल वॉलेट या ऑनलाइन कितने पैसों का भुगतान कर सकते है। आपको इन सभी सीमाओं को अपने बैंक खाते में अपडेट कर देना चाहिए। आप बैंक को निर्देश दे सकते हैं कि आपके अकाउंट से भुगतान होने पर आपके फोन पर संदेश भेजे।

ध्यान रखें कि ATM में पिन (PIN) डालते वक्त आसपास में कोई न हो। सबसे पहले यह देख लें कि स्‍क्रीन पर स्वागत संदेश आ गया है। पैसे निकालने के बाद फोन देखें कि एस‧एम‧एस‧ आया है या नहीं। एटीएम से पैसा निकालते ही बैंक फौरन आपके रजिस्टर्ड फोन नंबर पर संदेश भेजता है।

ATM में अजनबियों से सावधान रहें। किसी को अपने खाते या पिन की जानकारी न दें। कोई परेशानी हो रही है तो सुरक्षा गार्ड की मदद लें। पिन डालने के बाद भी राशि नहीं निकली तो बैंक को सूचना दें। कार्ड पर पिन लिखकर न रखें। पिन के बारे में किसी को ना बताएं, बैंक कर्मचारियों को भी नहीं। कार्ड खो जाने या किसी संदेहास्पद ट्रांजेक्‍शन के संदेश आने पर बैंक के टोल फ्री नंबर पर कॉल करें। शिकायत दर्ज करा कर शिकायत संख्या जरूर लें। इसके बाद पुलिस स्टेशन में एफ‧आई‧आर‧ कराई जा सकती है। ATM मशीन के कार्ड स्लॉट को ध्यानपूर्वक देखें। अगर लगे कि कार्ड स्लॉट में कोई छेड़खानी की गई है या फिर स्लॉट ढीला है तो उसका प्रयोग भूलकर भी न करें।

डिजिटल बटुए के प्रयोग में सावधानी

डिजिटल बटुए में में कभी भी ज्यादा राशि ना रखें।

डिजिटल बटुआ केवल आधिकारिक एप स्टोर से इंस्टॉल करें। अज्ञात स्रोतों जैसे थर्ड पार्टी एप स्टोर, वेबसाइट पॉप-अप या संदेश / ईमेल में लिंक से एप्लीकेशन कभी इंस्टॉल / डाउनलोड नहीं करें। इनमें मेलवेयर हो सकता है। धोखेबाज आपकी जानकारी चुराकर आपका खाता खाली कर सकते है। अपने फोन में केवल विश्वसनीय एप्स इंस्टॉल करें, चाहे वह गेम हो, समाचार पत्र हो। कोई भी अविश्वसनीय / संदेहास्पद एप्प आपके डिजिटल बटुए की जानकारी चुरा सकते है। अपने एस‧एम‧एस‧ पढ़ने की अनुमति मांगने वाले एप्स पर विशेष ध्यान दें। यदि आप एप को यह अनुमति देते हैं, तो संभावना है कि वह आपके ओटीपी संदेश को भी पढ़ सकता है जो एस‧एम‧एस‧ के माध्यम से भेजा जाता है। यदि आपका फोन डिफॉल्ट रूप से इसे अनुमति देता है, तो एप के लिए सेटिंग्स से स्वयं जाकर रूप से उन सारी अनुमति को हटा दें जिन्हें आपको लगता है कि अनुमति देने की आवश्यकता नहीं है।

किसी भी व्यक्ति को कॉल के माध्यम से, संदेश के माध्यम से कभी अपना ओटीपी साझा न करें। डिजिटल बटुए में टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन (दो बार कन्फर्म करना) का प्रयोग करे, पिन की बजाय फिंगर प्रिन्ट अधिक बेहतर है, जो आपको फोन गुम होने पर नुकसान से बचाएगा। जब आप डिजिटल बटुए का प्रयोग नहीं कर रहे हों तो आप उससे लॉग आउट हो जायें। ध्यान रहे कि KYC के लिए आपको कोई फोन नहीं करता है। यदि के‧वाई‧सी करवाना है तो बैंक या उसके अधिकृत प्रतिनिधि के पास ही जाए और सारी प्रक्रिया अपने सामने करवाएं।

डिजिटल बटुए अभी चलन में नए हैं और उनकी सुरक्षा में और सुधार की गुंजाइश अभी बाकी है। इनसे भुगतान करना तेज है, आसान है और भुगतान तुरंत दूसरे के खाते में पहुंच जाता है। इसमें आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इससे आप इसकी सुविधाओं का इस्तेमाल कर पायेंगे और इसके खतरे से सुरक्षित भी रहेंगे।

आशीष श्रीवास्‍तव

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